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lauki ki kheti
लौकी की खेती
कई किसान एक साल में तीन-तीन लौकी की फसल ले लेते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं तो क्योंकि लौकी को साल में तीन बार लगाया जा सकता है तो सबसे ज्यादा मुनाफा या उत्पादन लेना है तो वह सही समय कौन सा है और ज्यादा मुनाफा भी किसान भाइयों को लेकिन उसे टाइम जो है आपकी फसल का उत्पादन जून जुलाई की फसल की तुलना में काम रहता है
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लौकी बोनी की विधियां lauki ki kheti kaise kare
अब बात करते हैं लौकी को लगाने का तरीका से लगाया जाता है एक तो पारंपरिक तरीका जिसमें जो बी है वह सड़क दिया जाता है या एक दीवार की तरह और तीसरा मचान विधि से लौकी लगाई जाती है उसमें ज्यादा उत्पादन भी होता है और अच्छा भाव भी मिलता है अच्छा भाव भी लेना चाहते हैं तो मचान विधि का अपने खेत में लगाकर लोग लगा सकते हैं
1 एकड़ मचान विधि से लौकी लगाने में लगभग 35000 से ₹40000 का खर्च आता है और जो यह आगे बात करते हैं लौकी को लगाने में क्या सावधानियां बरतनी है तो सबसे पहले आप सीड ट्रीटमेंट जरूर करें ताकि किट वगैरा है आपके बीच को खराब ना करें नंबर दो पर पौधे से पौधे की दूरी है वह डेढ़ फीट से लेकर 4 फीट तक रखी जा सकती है मचान विधि में ज्यादातर ढाई फीट का गैप रिकमेंड किया जाता है और लाइन से लाइन की दूरी 6 से 8 फीट के बीच में आप रख सकते हैं मंद के ऊपर जहां पर लगाई जाती है वहां पर पौधे से पौधे की दूरी 4 फीट और मिनट से मेंड की दूरी 8 से 10 फीट रखी जा सकती है कोई भी फसल हो उसमें बहुत अच्छा महत्व होता है चाहे आप पोली हाउस से खेती करते हो मचान विधि से करें कोई भी विधि अपने अगर आपने न्यूट्रिशन सही नहीं दिया है तो आपका प्रोडक्शन और आपके क्वालिटी ऑफ द फ्रूट है वह खराब हो जाता है
लौकी की खेती में खाद एवं उर्वरक
लौकी की खेती हैlauki ki kheti kaise kare उसमें प्रत्येक एकड़ 50 किलो नाइट्रोजन 40 किलो पोटेशियम और 35 किलो फास्फोरस प्रति एकड़ की जरूरत होती है अगर आप जैविक खेती करते हैं तो आपको कम से कम 500 किलो से लेकर 1000 किलो तक की जो मात्र है आपको वर्मी कंपोस्ट का डालना पड़ेगा अच्छा उत्पादन और पैदावार पूरे साल अगर आप खेती करते हैं तो 150 क्विंटल के लगभग अगर आप गोबर खाद का छिड़काव करते हैं तो आपका जो प्रोडक्शन है वह काफी अच्छा होता है क्योंकि लौकी की खेती में मिट्टी और कार्बन कंटेंट की
अब बात करते हैंlauki ki kheti kaise kare
लौकी की खेती में होने वाली बीमारियां एवं उपचार
लौकी की खेतीमेंlauki ki kheti kaise kare होने वाली बीमारियां एवं उनकी रोकथाम तो मुख्यतः लोक में तीन जो है में बीमारियां होती हैं एक तो लाल ब्रिंग जिस रेट बीटल भी कहा जाता है सफेद मक्खी और फल सदन किसान भाइयों लाल रंग किट है जो पंपकिन या कद्दू कहते हैं उसे फसल में भी प्रभावित करता है और जो तीसरा बताया वह सफेद मक्खी की वजह से तो जो लाल किट और जो सफेद मक्खी है दोनों की रोकथाम के लिए आप महिला ध्यान इंडोफिल है इस हर 15 से 20 दिन में छिड़काव करें दो बार अगर फिर भी कट नहीं मारता है तो आप तीसरी बार छिड़काव कर सकते हैं इसका मुख्य कारण होता है फफूंद का मतलब फंगस का लगा और फंगस की रोकथाम के लिए आप मेरे को जबी कोविशील्ड जो दवा आती है उसका छिड़काव कर सकते हैं
लौकी की खेती में उत्पादन बढ़ाने के तरीके
किसान भाई लौकी की खेतीlauki ki kheti kaise kare से अपना मुनाफा बढ़ा सकते हैं और प्रति एकड़ प्रतिवर्ष लौकी की खेती के लिए आपको 120 क्विंटल के लगभग गोबर खाद का इस्तेमाल करना चाहिए आपको हर वर्ष उसका अपने खेत में छिड़काव करके अच्छे से जुटाए करके उसको मिट्टी में मिला देना चाहिए ताकि कार्बन कंटेंट जो आपकी मिट्टी का है वह बढ़ जाए और ज्यादा पोरस हो जाए ताकि तो आपका जो फल का साइज वह भी अच्छा रहता है और यह क्या होता है कि जो आपकी फसल होती है बेल होती है लौकी की उसके टिप को तोड़ना हर ब्रांच पर जब पहले जब फर्स्ट टाइम तोड़ते हैं इसको जो वजी बोलते हैं जब लैटरल जो ब्रांचेस निकलती है साइड से निकलती है उनकी और जब उनमें से सब शाखाएं निकलेंगे उनको तोड़ने पर 3g मतलब अगर आप अपना फैलाव बढ़ाते हैं तो मादा फूलों की संख्या बढ़ जाती है और आपका जो फल है वह अच्छा बनता है
लौकी लगाने का सही समय
साल में तीन बार जो लौकी की खेती lauki ki kheti kaise kareआप कर सकते हैं जनवरी-फरवरी जून जुलाई और सितंबर अक्टूबर में जो खेती की जाती है उसमें प्रोडक्शन पहले जनवरी-फरवरी और सितंबर अक्टूबर की तुलना में ज्यादा होता है यह भी सर्वे के माध्यम से आपने देखा है इसी के साथ ट्रेन में पहले बी को तैयार कर लेते हैं उसको बाद में खेत में ट्रांसप्लांट करते हैं तो आपकी फसल जल्दी मार्केट में पहुंचती है नंबर पांच पर जो है वह सबसे महत्वपूर्ण भी है वह फल का साइज कई बार किसान भाई लोग की बड़ी-बड़ी उगा लेते हैं 2 किलो की ढाई किलो की लेकिन उसकी मार्केट में इतनी डिमांड नहीं होती क्योंकि आजकल छोटे-छोटे परिवार हैं और एक बड़ी लकी कोई नहीं लेता क्योंकि एक बार सब्जी बनाने में ढाई सौ से 300 ग्राम की जरूरत पड़ती है और इसका भाव भी अच्छा मिलता है और आप जल्दी-जल्दी तोड़ते हैं तो जो बाकी फल हैं वह भी ज्यादा आसानी से तैयार हो जाते हैं अपना मुनाफा भी बढ़ा सकते हैं और अपना प्रोडक्शन भी बढ़ा सकते हैं
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