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  ज्वार की खेती (jowar farming)  ज्वार उत्तरी अफ्रीका और मिसरी सुदनीस सरहद पर 5000-8000 वर्ष पहले की जमपल फसल है। यह भारत के अनाजों में तीसरी महत्तवपूर्ण फसल है। यह फसल चारे के लिए और कईं फैक्टरियों में कच्चे माल में प्रयोग की जाती है। यू एस ए और अन्य कईं देशों में इसका प्रयोग होता है। यू एस ए ज्वार की पैदावार में सबसे आगे है। भारत में महांराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तामिलनाडू, राज्यस्थान और उत्तर प्रदेश इस फसल के मुख्य प्रांत हैं। यह खरीफ ऋतु की चारे की मुख्य फसल है।             google photo मध्य प्रदेश में ज्वार की खेती (jowar farming in mp) ज्वार विश्व की एक मोटे अनाज वाली महत्वपूर्ण फसल है। वर्षा आधारित कृषि के लिये ज्वार सबसे उपयुक्त फसल है । ज्वार की फसल से दोहरा लाभ मानव आहार के लिये अनाज के साथ ही साथ पशु आहार के लिये कडबी भी मिलती है। ज्वार की फसल कम वर्षा (450-500)में भी अच्छी उपज दे सकती है । एक ओर जहां ज्वार सूखे का सक्षमता से सामना कर सकती है । वहाँ कुछ समय के लिये भूमि में जलमग्नता भी सहन कर सकती है । ज्वार का पौधा अन्य अनाज वाली फसलों की अपेक्षा कम प्रकाश सष्लेषन एवं