Crop-diversity-in-organic-farming/ जैविक खेती में फसल विविधिता

 

फसल विविधिता की आवश्यकता  need for crop diversification

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मौजूदा वक्त में ज्यादातर किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए पारंपरिक फसलों की खेती के दौरान अत्यधिक मात्रा में बीज, खाद, कीटनाशक, खरपतवारनाशक और फफूंदनाशी का प्रयोग कर रहे हैं. इससे कीट और खरपतवार में धीरे-धीरे उनके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती जा रही है. इससे फसलों के उपज पर भी प्रभाव पड़ रहा है. इसके अलावा अंधाधुंध उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति, जल एवं वातावरण पर भी प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही किसानों की कृषि लागत भी बढ़ रही है. ऐसे में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए Crop diversity in organic farmingफसल विविधिकरण की आवश्यकता है. फसल विविधिकरण के माध्यम से इन सारी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. 

फसल विविधीता को बढ़ावा promote crop diversification

केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारें देश में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रही हैं. वहीं फसल विविधीकरण के जरिए इसके लिए जमीन तैयार की जा रही है. सरकार की यह कोशिश है कि देश के किसान न सिर्फ पारंपरिक फसलों की खेती करें, बल्कि नकदी फसलों की खेती करने के साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को ध्यान में रखकर भी खेती करें. इसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश सरकार फसल विविधीकरणCrop diversity in organic farming में जैविक खेती पर सबसे अधिक ध्यान दे रही है. इसी तरह हर‍ियाणा सरकार मेरा पानी-मेरी वि‍रासत योजना के तहत धान की जगह दूसरी फसल लगाने वाले क‍िसानों को सब्स‍िडी देती है. धान में पानी की खपत अध‍िक होती है. वहीं फसल विविधीकरण योजना में किसान को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कृषि आदान भी दिया जा रहा है.

फसल विविधीता क्या हैwhat is crop diversification

 फसल विविधीकरणCrop diversity in organic farming एक ऐसी विधि है जिसमें पारंपरिक फसलों के साथ नई फसलों या अन्य फसल प्रणालियों से फसल उत्पादन को जोड़ा जाता है एक विशेष कृषि में एक ही समय में अलग-अलग कृषि उत्पादन के पूरक विपणन अवसरों के साथ मूल बाधित फसलों के विभिन्न तरीकों से लाभ लिया जाता है इस फसल विधि से कृषि क्षेत्र में ही एक समय में विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन जैव विविधता को बनाए रखते हुए दिया जा सकता है सामान्य शब्दों में फसल विधि करने से किस एक ही खेत में विभिन्न प्रकार की फसलों का कृषि उत्पादन ले सकते हैं देश के कई राज्यों में इस विधि से किस एक ही खेत में अलग-अलग फसलों की खेती से कम पानी श्रम और पैसों में फसलों का उत्पादन भी ले रहे हैं

फसल विविधीता के लाभ Benefits of Crop Diversification

फसल विधि कारण से Crop diversity in organic farmingकृषि क्षेत्र में कीड़े बीमारियां खरपतवार मौसम संबंधी जोखिम की संभावना कम होती है और खेत में खरपतवार नाशी व कीटनाशी कम मात्रा मैं आवश्यकता होती है फसल विविधीकरण से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी होता है और पर्यावरण में भी सुधार होता है फसल विधि कारण में चावल गेहूं की फसलों के साथ फलियां लगाना यह दलहनी फैसले मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने में एवं वायुमंडलीय नाइट्रोजन को एकत्रित करने में सहायक हैं दलहनी फैसले मिट्टी के जैव विविधता को बढ़ाती हैं जिसमें मिट्टी की पानी सूखने की क्षमता बढ़ती है तथा संरचना अच्छी बनती है फसल विविधीकरण में मिश्रित मौसमी सब्जियों की खेती छोटे किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है फसल विविधीकरण में किसान कृषि रसायनों के एक बार में खर्च में एक से अधिक फसल ले सकता है और अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है फसल विधि कारण से खेत में जैव विविधता बढ़ जाती है जो किसी परिस्थिति की तंत्र की बेहतर स्थिति के लिए महत्वपूर्ण है जलवायु परिवर्तन व मौसम संबंधी प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को भी काम करने में मदद करता है पशुपालन पशु कृषि विज्ञान की शाखा भी शामिल है इसके अंतर्गत पालतू पशुओं से प्राकृतिक खाद भजन पशुओं को बढ़ाने और उनके रचनात्मक प्रजनन पशु प्रबंधन तथा देखभाल और लाभ के लिए पशुओं के अनुवांशिक गुना एवं व्यवहारों को विकसित किया जाता है और इसे अतिरिक्त लाभ कमाने में मदद मिलती है

छोटे किसानों की बढ़ेगी आए small farmers will increase

देश के कई राज्यों में सरकार है अपने स्तर पर अपने-अपने राज्य में फसल द्वेदीकरण पर ध्यान किस लिए दे रहे हैं ताकि किस पारंपरिक फसलों की खेती को छोड़ अन्य नई फसलों को उगाई जिससे पानी श्रम और लागत में किसानों की इनकम बढ़े सरकार दो हेक्टेयर से कम भूमि या इससे अधिक भूमि वाले किसानों को वैकल्पिक फसलों या फसल विविधीकरण करने की सलाह दे रही है इसमें किसान अपने खेत में अन्य नई नई प्रकार की अलग-अलग फसलों को एक साथ लगाकर अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं

फसल विविधीकरण के प्रकार Types of crop diversification

फसल विविधीकरण Crop diversity in organic farming के अंतर्गत भारत में मुख्य फसल प्रणाली में क्रमिक फसल अकाल फसल व्यवस्था अंतर फसली क्रेपिंग मिश्रित अंतर फसली अब नलिका फसल प्रणाली प्रचलित है अधिकतर किसान आजीविका और आय के संसाधनों को बढ़ाने के हेतु मिश्रित फसल प्रणाली के साथ पशुधन प्रणाली का भी इस्तेमाल करते हैं

फसल संयोजन क्षेत्र के परिसीमन Delimitation of crop combination area

फसल संयोजन क्षेत्र में सीमांकन के लिए पहले विधि मनमानी पसंद विधि है उदाहरण के लिए पहली फसल केवल पहले दो फसलों या पहले तीन फैसले आदि फसल संयोजन मनमानी ढंग से पसंद विधि पर किए गए हैं हालांकि ना की तर्कसंगड़ा और देश के रूप से मध्यस्थ लागू करने से क्षेत्र में उगाई गई बाकी फसलों को तर्कहीन रूप से बाहर रखा जाता है कल फसली क्षेत्र में उनकी प्रतिशत वजन की आयु में किसी भी विचार के बिना दूसरी विधि कुछ भिन्न है शंकर की दृष्टिकोण पर आधारित या पद्धति अधिक सटीक विश्वसनीय और विज्ञान एक है क्योंकि यह एक क्षेत्र की फसलों का बेहतर उद्देश्य महसूस प्रदान करती है फसल संयोजन के बारे में शंकर की तकनीक को समय समर्थ पर भूगोल भित्ता द्वारा प्रयुक्त रूप से संशोधन किया गया है

मानक मैप standard map

मोनोकल्चर एक फसल में कुल कटी हुई फसल की भूमि का 100%

दो फसलों में प्रत्येक में फसल संयोजन 50%

तीन फसलों में प्रत्येक में फसल संयोजन 33.3 प्रतिशत

चार फसलों में प्रत्येक में फसल संयोजन 25%

पांच प्रतीक जीवित फसल में फसल संयोजन 20%

प्रस्तावित मिश्रित फसल प्रणाली Proposed Mixed Cropping System

भारी भूमि में---1 धन सोयाबीन मक्का ज्वार फसलों की बुवाई करें

2 रवि फसल कटाई के बाद खाली पड़े खेतों पर हरी खाद जैसे सुनाई देता आदि की बनी कर हल्की सिंचाई कर देता की अंकुरण अच्छे से आ सके इस धन की खेत की तैयारी करते समय मिट्टी में पलट कर मचा दें इससे उर्वर में होने वाली खर्ची को बचाकर साथ ही भूमि में दशा को सुधारा जा सकता है एवं खरपतवारों की समस्या को भी काम किया जा सकता है

प्रस्तावित कार्य proposed work

हल्की भूमि

मूंगफली मक्का ज्वार शुगर तेल पौधों कुटकी हरी खाद फसल बोए

2 मध्य भूमि

सोयाबीन मक्का ज्वार अरंडी को दो कुटकी अरहर फैसले बॉय अंतर्वत्ति फसल पद्धति अपने हरी खाद 

3 भारी भूमि

धान कपास सोयाबीन एवं मसाला फैसले ले हरी खाद

जोखिम से बचने के लिए अंतरवर्तीय फसल पद्धति अरहर+ सोयाबीन 2 ज्वार +सोयाबीन  3. मक्का +सोयाबीन 4 अरहर+ उड़द 5 अरहर +मूंग 6 अरहर + तिल 7 मूंग +मक्का 8 उड़द+ बाजार 9 उड़द+ मक्का

उपसंहार  Conclusion

फसल विविधीकरणCrop diversity in organic farming  विभिन्न फसलों की किस में पशुपालन की नस्ल घास एवं चारागाह नई फसलों की प्रणालियों को जोड़ने से एकीकृत फसल व्यवस्था अंतर फसली व्यवस्था रेलवे क्रॉपिंग मिश्रित अंतर्वत्ति फसल अब नाली का फसल ऐसी अन्य विधि के द्वारा फसल एवं जीवों का विविधीकरण किया जाता है जिससे मनुष्य को सब प्रकार की फसल एक समान भाव से मिलती हैं साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है जैविक खेती के लिए यह फसल विविधता बहुत ही महत्वपूर्ण है यह जानकारी आपको इस ब्लॉक के माध्यम से अपने अनुभव अनुसार दी गई है जानकारी अच्छी लगे तो इस पोस्ट को लाइक करें यह जानकारी दूसरों तक पहुंचाने के लिए शेयर करें और कोई जानकारी चाहते हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखने का कष्ट करें धन्यवाद

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