Organic-farming-certification-in-India /जैविक कृषि प्रमाणीकरण

 जैविक कृषि प्रमाणीकरण

जैविक कृषि प्रमाणीकरण Organic farming certification एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है अतः प्रमाणीकरण कार्यक्रम में अंतर्गत उसी उत्पादन प्रक्रिया को प्रमाणीकृत करना चाहिए जो लंबी अवधि के लिए की जा ही हो। बदली गई भूमि एवं पशु बार-बार साधारण प्रबन्धन या जैविक कृषि प्रबन्धन की बीच नहीं आने चाहिए।

 मध्य प्रदेश जैविक कृषि प्रमाणीकरण

विश्व के कई देशों में जैविक खेती उत्पाद की मांग कुछ समय पूर्व प्रबल हुई है | फलस्वरूप विश्व के कई देशों के साथ भारत में भी जैविक खेती की जाना प्रारंभ हुई है | मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में गत 2 – 3 वर्षों में कृषकों द्वारा जैविक खेती को व्यापक रूप से अपनाया है | जैविक खेती से प्राप्त उत्पाद को बाजार में एक अलग पहचान मिल सके इस उदेश्य से राष्ट्रीय एवं अंतर राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास प्रारंभ हुए है  |

पंजीयन की प्रक्रिया

जैविक उत्पाद को इस स्तर पर बहुत जटिल प्रक्रिया अपनाकर एक पहचान दी जाती है | साथ ही यह प्रक्रिया कठिन एवं खर्चीला है |हमारे देश के किसान इस प्रक्रिया से गुजरकर अपने जैविक उत्पाद का पंजीयन करा सकें | यह अधिकांश किसानो के लिए मुश्किल है | कड़ी मेहनत के बाद उत्पादित जैविक खाधान्न के बेहतर मूल्य के प्रति कृषक आशान्वित हैं | भारत के बड़े शहर में रहनेवाले लोग अधिक मूल्य देकर भी Organic farming certification जैविक कृषि उत्पाद खरीदने को तैयार है | उपभोगता के इस वर्ग के पास क्रय शक्ति अधिक है एवं स्वास्थ के प्रति जागरूक भी है |

ग्राम सभा द्वारा पंजीयन 

जैविक कृषि उत्पाद के प्रमाणीकरण के लिये पंजीकरण प्रक्रिया मध्य प्रदेश शासन ने प्रयोगात्मक रूप से लागु की है | इस हेतु मध्य प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था अन्तर्गत हने वाली ग्राम सभा तथा उसकी कृषि स्थायी समिति को Organic farming certificationपंजीयन का महत्पूर्ण तथा जिम्मेदारी भरा कार्य सौपा गया है | जैविक खेती अपनाने वाले कृषकों को उनके सशुल्क आवेदन पर चिन्हित किया जावेगा तथा ग्राम सभा द्वारा प्रमाणित किये गये जैविक कृषि उत्पाद को पुरी तरह मान्य किया जावेगा | साथ ही विकास खंड पर पदस्थ कृषि विभाग के अधिकारी जैविक खेती से बोई गई फसलों के निरिक्षण और मुल्यांकन का दायित्व वहन करेंगे |

 प्रमाण पत्र व्यवस्था

एक साल से तिन साल तक जैविक पद्धति का उपयोग करके उत्पादन लेने वाले कृषकों के लिए अलग – अलग श्रेणी के प्रमाण – पत्र Organic farming certification दिए जाने की व्यवस्था विभाग द्वारा की गई है | यह प्रक्रिया किसानों के हितों के संरक्षण तथा उन्हें जैविक उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने की दृष्टि से विज्ञान सम्मत तथा प्रभावी है | प्रदेश में जैविक खेती अपनाने वाले कई गांवों द्वारा इसका पालन किया जा रहा है |

  पंजीयन समय   

 एक वर्ष से जैविक खेती अपनाने वाले कृषकों को Organic farming certificationदो वर्ष के लिए 3ब2 तथा तिन साल के लिए 3अ2 श्रेणी का पंजीयन प्रमाण – पत्र प्रदान करने का प्रावधान किया गया है |

उपसंहार

पंजीकरण प्रक्रिया Organic farming certification मध्य प्रदेश शासन ने प्रयोगात्मक रूप से लागु की है  जैविक खेती से प्राप्त उत्पाद को बाजार में एक अलग पहचान मिल सके इस उदेश्य से राष्ट्रीय एवं अंतर राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास प्रारंभ हुए है जैविक खेती में उन्नति कर सकते हैं अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो इस ब्लॉक को लाइक और शेयर करें जो भी गलत सही जानकारी मैं अपने अनुभव के आधार पर दे रहा हूं जिसके आधार पर हमसे आप अपने अनुभव साझा करें एवं कमेंट बॉक्स में लिखें


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