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आयुर्वेद में अजमोद के फायदे एवं नुकसान

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 जैविक अजमोद (Celery Seeds ) -

  Ayurveda me Ajmoda ke fayde our nuksan  भारतवर्ष में सर्वत्र विशेषकर बंगाल में शीत ऋतु में आरंभ में बोई जाती है हिमालय में उत्तरी और पश्चिमी प्रदेश में पंजाब की पहाड़ियों पर पश्चिमी भारत वर्ष और फसल में बहुलता से होता है फरवरी-मार्च में पुष्प खिलते हैं और मार्च-अप्रैल तक पुष्प फल में परिवर्तित होने पर पौधा समाप्त हो जाता है

अजमोद के छोटे-छोटे चुप्त अजमान की भांति एक 3 फुट ऊंचे पत्ते विभक्त और किनारे कटे हुए होते हैं पोस्ट छतरी नोमा पुष्प क्रम में नन्हें-नन्हें श्वेत रंग के होते हैं जो पककर अनंत बीजों में परिवर्तित हो जाते हैं धनिया अजवाइन की भांति इस बीजों को भी अजमोद कहते हैं

रासायनिक संगठन Chemical organization

अजमोद में कपूर से मिलता-जुलता एक पदार्थ यदि एपी ओला के तैलीय तक्षण होता है इसके अतिरिक्त गंधक उड़न सिल एल्बुमिन लो अब गोंद छार और कुछ लवण पाए जाते हैं 

गुणधर्म Properties

- यह कब है बात नाशक वेदना स्थापक  वातानुलोमन विदाही दीपन वाजीकरण हिचकी बमन कुकर खांसी में लाभकारी है यकृत प्लीहा और ह्रदय को यह लाभ पहुंचाती है अर्थ और पथरी रोग में भी लाभकारी है

अजमोद का औषधि प्रयोग-Medicinal use of AJamod-

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अजमोदा (सेलेरी) में मौजूद विटामिन:
विटामिन बी6
विटामिन बी3
विटामिन बी2
विटामिन सी
विटामिन बी1
विटामिन ए
विटामिन के4



Ayurveda me Ajmoda ke fayde our nuksan इसकी जड़ की काफी मस्तिक एवं बात नालियों के लिए उपयोगी है अजमोद को जलाकर धोनी देने से दांतो की पीड़ा मिटती है

 स्वास रोग Respiratory disease  

 यही स्नायु शिथिल कर श्वास रोग में लाभकारी है अजमोद को पान में रखकर चूसने से सूखी खांसी में आराम मिलता है भोजन उपरांत यदि हिचकी आती हो तो अजमोद के 10 15 दाने मुंह में रखने से हिचकी बंद हो जाती है अजमोद की मूल का 2 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम सेवन करना मूत्र विकार में लाभकारी है अजमोद को गर्म कर कपड़े में बांधकर चेक करने से बवासीर की पीड़ा दूर होती है सर्वांग शोध सभी वायु विकार में अजमोद छोटी पीपल गिलोय रास ना साँठ अश्वगंधा शतावरी एवं शॉप इन आठ पदार्थों का संभाग लेकर 10 ग्राम गाय के घी के साथ दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए 

अजमोद विदाई है 

अर्थात खाने के पश्चात छाती में जलन पैदा करता है इसका गर्भवती महिलाओं को उपयोग नहीं करना चाहिए आसमान के रोगी को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए आयुर्वेद में इसका उपयोग अनुभवी वैद्य की सलाह से किया जाना चाहिए अजमोद आयुर्वेद में महत्वपूर्ण औषधि है इसका उपयोग करने से अनेक बीमारियों में लाभ प्राप्त किया जा सकता है

उपसंहार

इस ब्लॉक मैं सैलरी अजमोद या अजवाइन के विषय में प्रमुख जानकारी दी गई है यह आयुर्वेद में बहुत ही उपयोगी औषधि है जो कई विभिन्न बीमारियों में कम आती है इस वह साड़ी को किसी जानकार वैद्य या डॉक्टर की सलाह से उपयोग किया जाए ताकि इसका फायदा हमको मिल सके अधिक जानकारी के लिए कमेंट बॉक्स में हमें लिखें हम आपके सवालों से संबंधित जवाब देंगे एवं यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो लाइक और शेयर जरूर करें


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