How-to-make-jeevamrut/जीवामृत बनाने की विधि एवं फायदे


How to make jeevamrutजीवामृत बनाने की विधि एवं फायदे

 जीवामृत बनाने की विधि एवं फायदे How to make jeevamrutनाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटेशियम और फसलों के लिए जरूरी दूसरे पोषक तत्वों का एक जबरदस्त शोध है आप जीवामृत ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का इस्तेमाल खेती में कर सकते हैं बल्कि पॉट काटने के लिए भी यह जबरदस्त खाद है दोस्तों और इसका मिट्टी के स्वास्थ्य पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने और फसल की अधिक उत्पादन के लिए तो जीवामृत समझो एक वरदान है दोस्तों जिस पर भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र यानी नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक एंड नेचुरल फार्मिंग रिसर्च की है 

जीवामृत क्या है What is jeevamrut  

तो अब आपके मन में सवाल उठा होगा कि जीवामृत आखिर है How to make jeevamrutक्या चीज दोस्तों सबसे पहले इसी सवाल का जवाब आपको बताता है ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और बायोपेस्टिसाइड्स है यानी कि एक नेचुरल कीटनाशक जिसे बनाने के लिए हमें 6 चीजों की जरूरत पड़ेगी जिसे आप नोट कर लीजिए गाय का गोबर गम उतरा मिट्टी और जीवामृत तैयार करने के लिए देसी गायक के गोबर और गोमूत्र का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है दरअसल इसका एक वैज्ञानिक आधार है वैज्ञानिकों के अनुसार देसी गाय के 1 किलो गोबर में तीन लाख जीवाणु होते हैं देसी गाय के गोबर का उपयोग किया जाता है अब बात करते है हम 10 लीटर जीवामृत लिक्विड खाद बनाने की तैयारी कर रहे हैं तो इसके लिए हमें आधा किलो गाय का गोबर चाहिए आधा लीटर चाहिए और एक मुट्ठी आप ले लीजिएगा अगर आप अच्छा रिजल्ट चाहते हैं तो बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी सबसे अच्छी रहेगी मिट्टी में केमिकल फर्टिलाइजर मिली नहीं होनी चाहिए


 जीवामृत बनाने की विधि ( How to make jeevamrut )

 इसके लिए आप एक कंटेनर ले लीजिए आप सबसे पहले कंटेनर या बाल्टी में गाय का गोबर डालेंगे इसके बाद आप पार्टी में गोमूत्र भी डाल दीजिए अब इन दोनों चीजों को मिलना है तो किसी डंडे की मदद से अच्छी तरह से इन्हें हमें इस इस तरह से मिलना है कि गोबर गोमूत्र में खुल जाए अब इसमें बेसन डाल दीजिए एक बार फिर डंडे की मदद से अच्छी तरह से मिला लीजिएगा इसके बाद गुड को अच्छी तरह से पानी में घुन लीजिए पूरी तरह से खोल लीजिएगा जब कोड अच्छी तरह से खुल जाए तो इस पार्टी में डाल दीजिए अब हम इसमें तीन लीटर पानी डालेंगे तो एक मुट्ठी मिट्टी भी बाल्टी में डाल दीजिए अब दोस्तों इस डंडे से अच्छी तरह मिक्स करना है जिससे सारी चीज मिल जाए उनको इस तरह से चलाएं यानी लैंप ना पड़े तो दोस्तों इस तरह का देखिए यह तैयार हो गया सॉल्यूशन अब हमें क्या करना है गोल की कंटेनर को कपड़े या फिर ढक्कन से दो दिन के लिए खून को रखने की वजह यह है कि इस घोल में फर्मेंटेशन की प्रक्रिया हो जाए फर्मेंटेशन की प्रक्रिया के बाद ही यह गोल हाथ में तब्दील होगा लेकिन इन दो दिनों के दौरान हमें एक काम और करना है सुबह और शाम को थोड़ी देर खिलाना है दोस्तों जीवामृत खाद दो दिन में तैयार हो जाती हैअब हम इस फर्मेंटेड लिक्विड सॉल्यूशन में 7 लीटर पानी और पानी डालने के बाद इसे अच्छी तरह से डंडे से हिला लीजिए अब दोस्तों यह लिक्विड सॉल्यूशन प्लांट्स में उसे करने के लिए तैयार हो गया है 

 अर्ध ठोस जीवामृत बनाने का तरीका Semi solid jeevamirut making process-

गाय के गोबर को फैलाकर सुख लेते हैं How to make jeevamrutऔर किसान भाइयों जब यह सुख जाता है तो फिर इसको हम बारिक कर लेते हैं जैसे कि आप देख रहे हैं जब हमारा गोबर सूख जाता है अच्छी तरह से तो फिर हमको हम इसको पाउडर आदि की मदद से और फैल हैं किसान भाइयों जब यह सुख गोबर अधिक मात्रा में पीसना किसान भाइयों के बड़े फॉर्म है यह सवाल खड़ा होता है की मात्रा में या अधिक मात्रा में जब गोबर पीसना हो बारीक करना हो तो मैन्युअल संभव नहीं है तो दिखाएंगे उसके माध्यम से भी गोबर की सुख करके इसलिए बारीक हो गया उसके बाद हम 10% जीव व्रत का उसे पर स्प्रे कर देते हैं या पार्टी आदि के सहयोग से चीड़ देते हैं 10% का मतलब किसान भाइयों यदि हमारे पास एक कुंटल सुख तो उसमें 10 लीटर जीवामृत का हम स्प्रे कर देते हैं और स्प्रे करने के बाद इसको भली-भांति फिर मिला देते हैं जीवामृत मिलने के बाद किसान भाइयों फिर हम इस खाद को अच्छी तरह से मिला लेते हैं और फिर इसको मिला करके एक बार थोड़ा सा हल्की सी धूप लगा लेते हैं और फिर इसको इसका ढेर बना लेते हैं तो या तो हम किसी छायादार स्थान पर जिसको देर के रूप में इकट्ठा कर लेते हैं और इस तैयार गंजीव अमित को किसान भाइयों 6 महीने तक हम स्टोर करके रख सकते हैं 6 महीने तक यह खाद आपका सुरक्षित रहता है 

पौधों में जीवामृत डालने का तरीका Method of adding Jeevamrit to plants

 अगर प्लांट बड़ा है तो आप आधा लीटर डाल सकते हैं अगर प्लांट छोटा है तो ढाई सौ काफी रहेगा पौधों में जीवामृत खाद डालने से तीन-चार दिन पहले पानी देना बंद कर दीजिए जिससे जीवामृत तुरंत मिट्टी में मिल जाए अगर मिट्टी पहले से गली होगी तो जीवन अमृत गमले की मिट्टी के ऊपर वाली लेयर में ही रख कर रह जाएगा और 

ज्यादा नहीं होने से फंगस भी लग सकता है How to make jeevamrutअगर आप मिट्टी में जीवामृत काट डाल रहे हैं तो पौधे मिट्टी से पोषक तत्वों को बहुत तेजी और आसानी से अवशोषित कर लेते हैं मिट्टी में जीवन में डालने से खींचे की संख्या बढ़ जाती है जिससे पौधों की जड़ों में ऑक्सीजन की सप्लाई करने में मदद होती है

जैविक जीवामृत के फायदे jeevamrut benefits

खेतों में जीवामृत से पौधों की जड़ को ऑक्सीजन लेने में काफी मदद मिलती है.

जीवामृत का प्रयोग कंपोस्ट खाद बनाने में भी किया जाता है, इससे केंचुए की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिलती है.

जैविक जीवामृत के फायदे

इसके इस्तेमाल से पौधों को पोषक तत्व सोखने में भी काफी मदद मिलती है.

जीवामृत से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ फसल का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिलती है.

इससे फसल को बढ़ाने वाले सूक्ष्म जीव, जीवाणु व बैक्टीरिया को तेजी से काम करने लगते है.

इसके इस्तेमाल से मिट्टी नरम हो जाती है, जिससे जड़ों को फैलने में मदद मिलती है.

जीवामृत के प्रयोग से बंजर मिट्टी को भी उपजाऊ बनाने में भी मदद मिलती है.

जीवामृत बीजों के अंकुरण और पत्तियों को हरा-भरा बनाने में काफी मदद मिलती है.

इसके इस्तेमाल से उगने वाली सब्जी, फल और अनाजों में अलग ही स्वाद होता है 

        उपसंहार 

 जीव अमृत बनाने की विधि एवं जैविकHow to make jeevamrut खेती में उसका उपयोग के विषय में हमने आपको जानकारी दी जिसमें जीवामृत का उपयोग तरल के रूप में एवं अर्थ ठोस के रूप में फसलों में किया जाता है जिससे फसलों की गुणवत्ता बढ़ जाती है इसकी संपूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है इसका उपयोग करके किसान जैविक खेती में उन्नति कर सकते हैं अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो इस ब्लॉक को लाइक और शेयर करें जो भी गलत सही जानकारी मैं अपने अनुभव के आधार पर दे रहा हूं जिसके आधार पर हमसे आप अपने अनुभव साझा करें एवं कमेंट बॉक्स में लिखें

                               FQS


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