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  benefits of Urban farming शहरी खेती क्या है Urban farming agriculture in Hindi शहरी खेती घनी आबादी केवल आबादी वाले क्षेत्र में भोजन की खेती या उत्पादन की प्रथम है इसमें छत पर एवं ब्रांडी में हम गार्डनिंग के नाम से जाना जाता है शहरी खेती को मुख्य रूप से बाजार में बेचने के लिए बढ़ती फसलों फलों सब्जियों एवं मां फसलों के आधार पर परिभाषित किया गया है निर्वाह खेती शहरी बागवानी यह विभिन्न तरीकों से अर्थव्यवस्था में लोगों की सामुदायिक मदद करती है शहरी बागवानी ताज उपज प्रदान करती है जो एक स्वस्थ जीवन शैली के साथ-साथ अन्य वस्तुओं का समर्थन करती है इसके अतिरिक्त यह आए उत्पादन और लघु व्यवसाय विस्तार को बढ़ावा देती है ताजा भोजन अधिक के फायदे बनाना  benefits of Urban farming  शहरी कृषि का प्रमुख लाभ है धीरे-धीरे यह लोगों की फैशन बन चुका है शहरी खेती महत्वपूर्ण क्यों है शहरी खेती   benefits of Urban farming  उन लोगों को महत्वपूर्ण है जो शहर छोड़ने एवं ग्रामीण भूखंड खरीदने में सक्षम नहीं है और इनका किसानी करने का शौक या जुनून है शहरी फॉर्म किसान बाजारों के माध्यम से...

muli-ki-kheti-jankari /radish-farming

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 परिचय कृषि क्षेत्र में मूली की जैविक खेती करके किस अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं इसकी खेती की जानकारी इस लेख में दी जा रही है muli ki kheti jankari मूली की खेती में जमीन की तैयारी बनी का समय खाद एवं उर्वरक की मात्रा खरपतवार नियंत्रण सिंचाई कटाई से संपूर्ण जानकारी दी जा रही है किसान भाई इस लेख का फायदा लेकर मूली की खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं जमीन की तैयारी मूली की जैविक खेती में जमीन को पिलाओ द्वारा या तोता हाल द्वारा गहरी जुताई करके जमीन को समतल कर लेना चाहिए एवं इसकी बुवाई के लिए जमीन में महल पद्धति से बनी करना चाहिए बिजाई जैविक मूल्य की खेती के लिए बोनी के लिए सही समय बरसात एवं ठंड के दिनों में और गर्मियों में अप्रैल माह में इसकी बनी की जा सकती है muli ki kheti jankari अगस्त सितंबर में की जाने वाली बनी से अच्छा फायदा किसानों को मिलता है मूली की जैविक खेती के लिए मेड पद्धति से बीच की बिजाई करना चाहिए जिसमे बीज से बीच की दूरी 4 सेमी एवं महल से महल की दूरी ढाई फीट रखना चाहिए  सिंचाई मूली की खेती के लिए 7 से 10 दिन के भीतर स्प्रिक कलर द्वाचाई की जाना चाहिए हल्की सिंचाई करन...

zero-budget-natural-farming/prakritik-kheti

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  जीरो बजट प्राकृतिक खेती  जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग मूल रूप से महाराष्ट्र की एक किसान सुभाष पालेकर द्वारा विकसित रसायन मुक्त कृषि का एक रूप है यह विधि कृषि की पारंपरिक भारतीय प्रथाओं पर आधारित है इस zero budget natural farming खेती के जानकारों का कहना है कि यह खेती देसी गाय के गोबर और गोमूत्र पर आधारित है जीरो बजट प्राकृतिक खेती क्या है सुभाष पालेकर की जीरो बजट फार्मिंग प्राकृतिक खेती में कृषि लागत उर्वरक कीटनाशक और गहन सिंचाई की कोई आवश्यकता नहीं होती जिससे कृषि लागत में आश्चर्य जनक रूप से गिरावट आती है इसलिए zero budget natural farming इसे जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग का नाम दिया गया है इसके अंतर्गत घरेलू संसाधनों द्वारा विकसित प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें किसानों को किसी भी फसल को उगाने में कम खर्च आता है और कम लागत लगने के कारण उसे फसल का किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग का आधार है जीवामृत यह गाय के गोबर मूत्र और पत्तियों से तैयार कीटनाशक का मिक्सर है सुभाष पालिकारी कृषि वैज्ञानिक हैं और उन्होंने पारंपरिक भारतीय कृषि प्रथाओं को...

flax-seed-farming-in-India

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                                                   अलसी के फायदे                      अलसी   अलसी क्या है हिंदी में -   flax seed farming in India भारतवर्ष में अलसी की खेती के साथ की जाती है हिमाचल प्रदेश में भी 6000 फुट की जमीन तक अलसी बोई देश में जगह-जगह पाई जाती है अलसी के बीज के रंग रूप और आकार में अंतर सफेद, धूसर, धूसर में पाए जाते हैं इसके कई प्रकार के बीज प्राप्त होते हैं। अलसी के बारे में-   वैज्ञानिक नाम लिनम यूसिटेटिसियम लिनम यूसिटेटिसियम कुल नाम - लिनेसी लिनेसी अंग्रेजी नाम - लिनेसी फ्लैक्स सीडलिनसी फ्लैक्स सीड   संस्कृत नाम-- अलसी, नील पुष्प, उमा, अतसी,  हिंदी नाम - अलसी, तीसी अलसी का स्वरूप -  इसका पौधा 2-4 फुट ऊंचा सीधा व कोमल होता है। flax seed farming in India पत्र रेखा कर भला कर नौकरी वा फलक तीन शहरों से युक्त होता है। फूल सुन्दर आकाशीय रंग के फल...